[छत्तीसगढ़ कोयला आवंटन घोटाला] विशेष सीबीआई अदालत ने गवाह से संपर्क करने के बाद आरोपी की जमानत रद्द की

फर्म एईएस छत्तीसगढ़ एनर्जी के निदेशक अग्रवाल पर कोयला आवंटन घोटाला मामले में मामला दर्ज किया गया था और 2017 में उन्हें जमानत दे दी गई थी।
Coal Mine
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एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने मंगलवार को 2017 के छत्तीसगढ़ कोयला आवंटन घोटाला मामले में एक आरोपी संजीव अग्रवाल को एक गवाह से संपर्क करने के लिए दी गई जमानत को रद्द कर दिया। [सीबीआई बनाम एईएस छत्तीसगढ़ एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड]

विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने कहा कि आरोपी ने जमानत के लिए उस पर लगाई गई मूलभूत शर्त का उल्लंघन किया है यानी किसी भी तरह से अभियोजन पक्ष के गवाहों से संपर्क नहीं करना।

न्यायाधीश ने आगे कहा कि ऐसे मामलों की केवल हिमशैल की नोक अदालतों के संज्ञान में आती है, क्योंकि बहुत कम मामलों में गवाह अदालत को आरोपी द्वारा उनसे संपर्क करने के प्रयासों के बारे में सूचित करते हैं।

केंद्रीय एजेंसी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस साल 31 जुलाई को आरोपी ने एक गवाह को फोन किया था, जो एईएस छत्तीसगढ़ एनर्जी का कर्मचारी था।

गवाह के अनुसार, आरोपी ने फोन के जरिए उससे संपर्क किया था और शुरुआत में उसने अपनी पहचान का खुलासा नहीं किया था। अग्रवाल ने बाद में अपनी पहचान बताई और गवाह से कहा कि कंपनी की अमेरिकी इकाई के लोग उससे कुछ चर्चा करना चाहेंगे।

Sanjeev Aggarwal
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अदालत ने घटना पर संज्ञान लेने के बाद अग्रवाल से जवाब मांगा। उन्होंने गवाह के पास जाने की बात स्वीकार की और अदालत में "बिना शर्त माफी" प्रस्तुत की।

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[Chhattisgarh coal allocation scam] Special CBI Court cancels bail of accused after he approached witness

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