सिटीजंस एंड लायर्स इनीशिएटिव ने फरवरी, 2020 के दिल्ली दंगे पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है
इस रिपोर्ट का शीर्षक है: ‘‘दिल्ली दंगे: कारण और परिणाम’’। इसमे उन शुरूआती चेतावनी संकेतों को तलाशा गया है जिनके बाद नागरिकता संशोधन कानून, 2019, दिल्ली विधान सभा चुनाव में ‘‘अंधाधुंध सांप्रदायिक प्रचार’’ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा जैसी घटनायें हुयीं।
यह रिपोर्ट इन दंगों के बारे में तथ्यों का पता लगाने वाले संगठनों तथा मीडिया घरानों द्वारा प्रकाशित सामग्री और सूचनाओं पर आधारित है । यह रिपोर्ट इन घटनाओं से संबंधित तमाम सबूतों को एक साथ जोड़कर एक विश्वसनीय दस्तावेज तैयार करने का प्रयास है।
न्यायमूर्ति बी आर श्रीकृष्णा ने इस रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा है:
इस रिपोर्ट का संपादन वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने किया है।
रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल आरोप पत्र में पेश विवरण और घटनाक्रम के प्रति आभार प्रकट करते हुये कहा गया है कि जांच एजेन्सियों ने भाजपा नेताओं के भड़काने वाले भाषणों सहित हिंसा से पहले ओर इसके साथ की अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं को नजरअंदाज किया है।
रिपोर्ट में साक्ष्यों, जांच की प्रक्रिया, नुकसान के आकलन, मुआवजे का भुगतान ओर नागरिकों की शिकायतें तथा गवाहों के संरक्षण के सशक्त पैमाने की निष्पक्ष समीक्षा के लिये एक जवाबदेही दल का गठन करने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में पारिश्रमिक और पुनर्वास पैकेज में वृद्धि और मुआवजे के वितरण में आये अवरोध खत्म करने का भी सुझाव दिया गया है।
रिपोर्ट में हिंसा की वजह से जान गंवाने वालों की आधिकारिक सूची जारी करने की भी सिफारिश की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हिंसा की वजह से लोगों में व्याप्त भय और विस्थापन के मद्देनजर प्रशासन को लोगों में भरोसा पैदा करने और जवाबदेही निर्धारित करने का अभियान चलाना चाहिए।
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Citizens & Lawyers Initiative publishes report on causes, fallout and aftermath of Delhi riots 2020