बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को तीन फार्म कानूनों पर रोक लगाने के बाद, 90 प्रतिशत शांतिप्रिय किसान आंदोलन जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं
बुधवार को जारी एक प्रेस बयान में, बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के स्थगन आदेश को ऐतिहासिक बताया है और इसका उद्देश्य आंदोलनकारी किसानों, बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की जान बचाना है।
पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ कुछ राजनेताओं द्वारा की गई गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण, असंवेदनशील, निराधार है, जो अपने निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के लिए और आंदोलन का फायदा उठाने और आंदोलनकारी किसानों को गुमराह करने के मकसद से की गई है।
बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मे कहा गया है कि “हर कोई जानता है कि 90% शांतिप्रिय किसान सर्वोच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद आंदोलन जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन निहित स्वार्थ वाले व्यक्ति देश को तबाह करने की कीमत पर भी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।"
इसलिए, मिश्रा ने ईमानदार और समझदार नागरिकों को आह्वान किया कि वे आंदोलनकारी किसानों को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम निर्णय तक अपना आंदोलन स्थगित करने के लिए मना लें।
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