नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की कंसोर्टियम ने इस साल सीएलएटी 2020 में शामिल हुये छात्रों को परीक्षा से संबंधित अपनी शिकायतों के समाधान के लिये एक अंतिम अवसर प्रदान किया है।
ये शिकायतें दो वर्गो के अंतर्गत उठाई जा सकती हैं।
क. तकनीकी मुद्दों पर आपत्ति समिति के निर्णय पर आपत्तियां
ख.उत्तर पुस्तिका में विसंगति
प्रत्याशियों को अपने मुद्दे का उल्लेख करते हुये शिकायत समाधान फार्म भरना होगा और इसके समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य उपलब्ध कराना होगा। कोई भी अभ्यर्थी प्रत्येक श्रेणी में एक से अधिक शिकायत दर्ज नहीं कर सकता है। निर्देशों में यह भी यह कहा गया है:
‘‘निर्देशों का पालन नहीं करने के बारे में किसी भी शिकायत पर विचार नहीं किया जायेगा क्योंकि प्रत्येक अभ्यर्थी से निर्देशों का पालन अपेक्षित था। आरक्षण श्रेणी या विश्वविद्यालयों की प्राथमिकता में परिवर्तन के बारे में किसी शिकायत पर विचारनहीं किया जायेगा।’’
अभ्यर्थियों को पूरी तरह भरा हुआ शिकायत समाधान फार्म और इसके साथ संलग्न दस्तावेज grievance@consortiumofnulus.ac.in पर 12 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक भेजने होंगे। इस समय सीमा के बाद मिली किसी भी शिकायत पर विचार नही किया जायेगा।
शिकायत समाधान समिति के पास जो भी शिकायत दायर करना चाहते हैं उन्हें रिसपांस शीट डाउनलोड करने के लिये अपनी आईडी से लॉगइन करना होगा
अभ्यर्थियों को अपनी शिकायत के साथ रिसपांस शीट के साथ दस्तावेजों की स्कैन की हुयी प्रतियां संलग्न करनी होगी। एनएलयू कंसोर्टियम ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिकायत आवेदन के साथ रिसपांस शीट सहित प्रत्येक दस्तावेज पर अभ्यर्थी के हस्ताक्षर अनिवार्य है। इसके बगैर शिकायत आवेदन पर विचार नही किया जायेगा।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीएलएटी 2020 के अभ्यर्थियों के एक समूह को इस साल की परीक्षा से संबंधित मुद्दों के बारे में पूर्व प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली शिकायत समाधान समिति को अपने प्रतिवेदन देने की अनुमति प्रदान की थी।
न्यायालय ने सीएलएटी 2020 के अभ्यर्थियों के एक समूह की याचिका पर यह आदेश पारित किया था। याचिका में इन अभ्यर्थियों ने कहा था कि 28 सितंबर को आयोजित परीक्षा के दौरान कई छात्रों को कथित तकनीकी गड़बड़ी का सामना करना पड़ा।
याचिका में एनएलयू की कंसोर्टियम द्वारा घोषित सीएलएटी 2020 के नतीजों को ‘‘गलत, त्रुटिपूर्ण और दुराग्रह वाला’’ बताते हुये इसे चुनौती दी गयी थी। याचिका में अभ्यर्थियों के सामने आई निम्नलिखित समस्याओं सहित अनेक समस्याओं का उल्लेख किया गया था।
अभ्यर्थियों ने सही जवाब का चयन किया या उस पर निशान लगाया, हालांकि परिणाम में दिखाया गया कि ‘अस’ गलत और या दूसरे विकल्प का चयन किया गया या उस पर टिक लगाया गया।
परिणाम में उन सवालों को दिखाया जा रहा है और अंकों की गणना की जा रही है जिनका अभ्यर्थियों ने प्रयास ही नहीं किया था।
अभ्यर्थियों ने अलग विकल्प का चयन किया या टिक लाया, हालांकि, परिणाम में चयन किया गया या टिक लगाया गया अलग विकल्प दिखाया गया है।
10 प्रश्न या तो अपने आप में ही गलत थे या वेबसाइट पर अपलोड किये गये उनके जवाब गलत थे।
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