"अदालत को भ्रमित करना": दिल्ली हाईकोर्ट ने PwD कैंडिडेट्स के लिए रिज़र्व पोस्ट भरने मे नाकाम रहने पर राज्य को फटकार लगाई

कोर्ट ने मार्च 2023 में दिल्ली सरकार को दिव्यांग लोगों के लिए एक स्पेशल ड्राइव चलाने और बैकलॉग वैकेंसी भरने का आदेश दिया था।
Delhi High Court on the Differently-Abled
Delhi High Court on the Differently-Abled
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दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को चेतावनी दी कि वह सरकारी विभागों में दिव्यांग लोगों (PwD) के लिए खाली पड़े पदों को भरने में नाकाम रहने पर दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​का केस शुरू करेगा।

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की डिवीजन बेंच ने कहा कि PwD कैंडिडेट्स के लिए स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव चलाने और खाली जगहों को भरने के लिए कोर्ट को डिटेल में निर्देश दिए हुए लगभग तीन साल हो गए हैं, लेकिन सरकार ने “कन्फ्यूज करने वाले एफिडेविट” फाइल करने के अलावा कुछ नहीं किया है।

कोर्ट ने कहा, “आपका एफिडेविट कोर्ट को कन्फ्यूज करने की कोशिश है। आप आम रिक्रूटमेंट को स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव के साथ मिला रहे हैं, जहां बैकलॉग खाली जगहों को भरा जाना था।”

कोर्ट ने PwD कैंडिडेट्स द्वारा भरी जाने वाली बैकलॉग खाली जगहों की संख्या की पहचान करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार की भी खिंचाई की।

कोर्ट ने सरकार के सोशल वेलफेयर सेक्रेटरी से कहा, “आपको डेटा इकट्ठा करने में 12 महीने से ज़्यादा लग गए। यह सब आसानी से किया जा सकता था और आपको एक साल का समय लगा? हम ऑफिसर A या ऑफिस B पर नहीं हैं, हम आम लापरवाही पर हैं।”

Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya and Justice Tushar Rao Gedela
Chief Justice Devendra Kumar Upadhyaya and Justice Tushar Rao Gedela

इसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता, नेशनल फेडरेशन ऑफ़ द ब्लाइंड नाम के एक नॉन-प्रॉफिट संगठन से, खाली पदों की डिटेल देते हुए एक डिटेल्ड एफिडेविट फाइल करने को कहा।

कोर्ट ने आगे कहा कि अगर उसे सही लगेगा तो वह राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करेगा।

कोर्ट ने कहा, "कृपया हमें फैक्ट्स और आंकड़े दें, हम अवमानना ​​का आदेश जारी करेंगे। हमें एक साफ तस्वीर दें कि उन्होंने [सरकार ने] हमें किस बारे में गुमराह किया है। वे क्या कर रहे हैं, इसकी हमें पूरी जानकारी है।"

कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता दो हफ़्ते में एफिडेविट फाइल करेगा और सरकार को उसका जवाब देना होगा।

मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी, 2026 को होगी।

मार्च 2023 में, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अलग-अलग सरकारी विभागों में दिव्यांग व्यक्तियों (PwDs) के लिए आरक्षित खाली पदों को भरने के लिए एक स्पेशल भर्ती अभियान चलाने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि PwD उम्मीदवारों के लिए डायरेक्ट रिक्रूटमेंट कोटे के तहत 1,351 खाली पद थे, जिसमें दृष्टिबाधित लोगों के लिए 356 खाली पद शामिल थे।

हालांकि, बाद में, याचिकाकर्ता ने एक एप्लीकेशन फाइल करके कहा कि कोर्ट के निर्देशों के बावजूद, सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उसने कोर्ट से सरकार को उसके निर्देशों का पालन करने के लिए निर्देश देने की मांग की।

याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट एसके रुंगटा पेश हुए।

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"Confusing the court": Delhi High Court pulls up State for failing to fill posts reserved for PwD candidates

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