भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) ने राजनीतिक दल के खिलाफ पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही खोलने के आयकर विभाग के आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
एडवोकेट प्रसन्ना एस ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।
अदालत ने 20 मार्च को मामले की तत्काल सुनवाई की अनुमति दी।
एडवोकेट प्रसन्ना एस ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खिलाफ तीन साल के लिए पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू हो गई है।
अदालत ने कहा कि अगर याचिका दोपहर साढ़े 12 बजे तक सही हो जाती है तो मामले को 20 मार्च को सूचीबद्ध किया जाएगा।
गौरतलब है कि 13 मार्च को उच्च न्यायालय ने आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के आदेश के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें बकाया करों में लगभग 105 करोड़ रुपये की वसूली के लिए आयकर (आईटी) विभाग द्वारा जारी डिमांड नोटिस पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी गई थी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और न्यायमूर्ति पुरुषेन्द्र कुमार कौरव की खंडपीठ ने कहा कि आईटीएटी के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।
अदालत में दिए गए बयान के अनुसार, ब्याज के साथ कुल राशि अब लगभग 135 करोड़ रुपये है।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने कांग्रेस को आईटीएटी के समक्ष स्थगन के लिए एक नया आवेदन दायर करने की अनुमति दी, जिसमें इस बीच हुए घटनाक्रम को ध्यान में रखते हुए पार्टी से 65.94 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई थी।
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Congress moves Delhi High Court against Income Tax reassessment proceedings