
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को 2020 के दिल्ली दंगों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा की भूमिका की आगे जांच करने का आदेश दिया।
राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने कहा कि मिश्रा के खिलाफ संज्ञेय अपराध पाया गया है, इसलिए आगे की जांच की जानी चाहिए।
अदालत ने यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।
इलियास ने दंगों में भाग लेने के आरोपों पर मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की, साथ ही दयालपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) और पांच अन्य के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
दिल्ली पुलिस के इस दावे के बावजूद कि मिश्रा की भूमिका की पहले ही जांच की जा चुकी है और उनके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया गया है, अदालत ने आज का आदेश पारित करते हुए आगे की जांच का निर्देश दिया।
इलियास का दावा है कि उसने दंगों के दौरान मिश्रा और अन्य लोगों को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कर्दमपुरी में सड़क को अवरुद्ध करते और विक्रेताओं की गाड़ियों को नष्ट करते देखा था। उन्होंने यह भी कहा कि तत्कालीन दिल्ली पुलिस के डीसीपी मिश्रा के बगल में खड़े थे।
याचिकाकर्ता मोहम्मद इलियास का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता महमूद प्राचा ने किया।
दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद पेश हुए।
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Court orders police to probe Kapil Mishra's role in Delhi riots