दिल्ली हाईकोर्ट ने अदानी पावर के खिलाफ अधिक बिलिंग के आरोप की जांच करने के लिए CBI,DRI को निर्देश देने वाले आदेश पर रोक लगायी

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को सीबीआई और डीआरआई को अडाणी समूह, एस्सार समूह और अन्य की बिजली कंपनियों द्वारा ओवर इनवॉयसिंग के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था।
Delhi HC
Delhi HC

दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में अदानी समूह से संबंधित बिजली कंपनियों द्वारा अधिक चालान के आरोपों की जांच करने के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिए गए अपने पहले के निर्देशों को स्थगित रखते हुए एक आदेश पारित किया। [सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन एंड अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड अन्य]।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने 5 जनवरी को यह आदेश तब पारित किया जब अडानी पावर ने 19 दिसंबर, 2023 को सुनाए गए अदालत के फैसले के पैराग्राफ 52 को वापस लेने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया।

उस फैसले में उच्च न्यायालय ने सीबीआई और डीआरआई को अडानी समूह, एस्सार समूह और अन्य से संबंधित बिजली कंपनियों द्वारा ओवर-इनवॉयसिंग के आरोपों की "सावधानीपूर्वक और शीघ्रता" से जांच करने का आदेश दिया था।

ये निर्देश कार्यकर्ता हर्ष मंदर और गैर सरकारी संगठनों सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन एंड कॉमन कॉज द्वारा दायर जनहित याचिकाओं (पीआईएल) का निपटारा करते हुए जारी किए गए।

याचिकाएं वर्ष 2017 में दायर की गई थीं और आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई थी।

अडानी पावर ने बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेशों को अदालत के संज्ञान में लाते हुए एक आवेदन दायर किया, जिसके तहत अडानी पावर महाराष्ट्र पावर लिमिटेड के खिलाफ सीमा शुल्क आयुक्त (आयात) द्वारा दायर अपील को 27 मार्च, 2023 को खारिज कर दिया गया था।

यह कहा गया कि सीमा शुल्क आयुक्त ने इस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर की है और यह निर्णय के लिए लंबित है।

इसलिए, अदालत ने कहा कि चूंकि पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है, इसलिए अडानी पावर के संबंध में पारित निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा।

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और विक्रम नानकानी के साथ अधिवक्ता महेश अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, देविका मोहन, अर्शित आनंद, अंकित बनाती, श्रराम निरंजन, अभय अग्निहोत्री, तारिणी खुराना, विक्रम चौधरी और प्रभाव बहुगुणा अडानी पावर की ओर से पेश हुए।

वकील प्रशांत भूषण, नेहा राठी, काजल गिरी, सरीम नावेद, सौरभ सागर और हर्ष कुमार सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन, कॉमन कॉज और हर्ष मंदर की ओर से पेश हुए।

डीआरआई का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ स्थायी वकील आदित्य सिंगला और चारू शर्मा ने किया।

विशेष लोक अभियोजक निखिल गोयल वकील सिद्धि गुप्ता के साथ सीबीआई की ओर से पेश हुए।

केंद्र सरकार की ओर से वकील रवि प्रकाश और अली खान पेश हुए।

[आदेश पढ़ें]

Attachment
PDF
Centre for Public Interest Litigation and Anr v Union of India and Ors.pdf
Preview

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


Delhi High Court keeps in abeyance order directing CBI, DRI to probe over-invoicing allegations against Adani Power

Related Stories

No stories found.
Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com