दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) की कार्यकारी समिति को ओलंपिक क्वालीफायर के दौरान राष्ट्रीय कोच के मैच फिक्सिंग में लिप्त पाए जाने के बाद छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है। [सुश्री मनिका बत्रा बनाम टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया थ्रू द प्रेसिडेंट एंड अन्य]।
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने संघ के मामलों को चलाने के लिए प्रशासकों की एक तीन सदस्यीय समिति (सीओए) नियुक्त की, जब तक कि केंद्र सरकार या एक स्वतंत्र समिति द्वारा इसके मामलों की गहन जांच नहीं की जाती।
सीओए का नेतृत्व दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति गीता मित्तल करेंगी, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल और पूर्व एथलीट जीडी मुद्गल सदस्य होंगे।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "जैसा कि ऊपर नामित प्रशासकों की समिति ने कार्यभार ग्रहण किया, प्रतिवादी संख्या 1 महासंघ के मौजूदा पदाधिकारी अब महासंघ के किसी भी कार्य का निर्वहन करने के हकदार नहीं होंगे, लेकिन जैसा कि पहले ही निर्देश दिया गया है, उक्त समिति द्वारा अनुरोध किए जाने पर प्रशासकों की समिति को सहायता प्रदान करेंगे।"
कोर्ट ने रॉय पर राष्ट्रीय कोच रहते हुए एक निजी अकादमी चलाने पर भी सवाल उठाया, जो प्रथम दृष्टया हितों के टकराव का मामला है।
कोर्ट अब इस मामले पर 13 अप्रैल को विचार करेगी।
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