
दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से आम आदमी पार्टी (आप) के राजनीतिक अभियान के हिस्से के रूप में संदेशों वाले लगातार स्पैम टेलीफोन कॉल के बारे में शिकायतों पर उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया। [धरण दीवान एवं अन्य बनाम भारत का चुनाव आयोग एवं अन्य]
न्यायालय के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया है कि स्पैम कॉल में कहा गया है कि यदि आप के अलावा कोई अन्य पार्टी सत्ता में आती है तो दिल्ली में “मुफ्त उपहार” मिलना बंद हो जाएगा।
याचिका में कहा गया है, “यदि यह संदेश कोई विवेकशील व्यक्ति सुनेगा जिसके पास तर्क और तार्किक बुद्धि है तो वह आम आदमी पार्टी, प्रतिवादी द्वारा फैलाए जा रहे पक्षपात, घृणा, आतंक के शासन और गलत राय को समझ सकेगा।”
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने ईसीआई को कॉल के संबंध में दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा, "हम इस मामले पर ईसीआई द्वारा प्रस्तावित कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए याचिका का निपटारा करते हैं। हम निर्देश देते हैं कि सीईओ द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली जांच रिपोर्ट के आधार पर ईसीआई या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा कानून के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी। कानून के तहत उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।"
न्यायालय ने कहा कि चुनाव आयोग का यह कर्तव्य है कि वह चुनावों को विनियमित करे तथा ऐसे संदेशों को रोके, जो माहौल को खराब करने की प्रवृत्ति रखते हैं।
न्यायालय ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री का उपयोग न करें।
न्यायालय ने निर्देश दिया कि मीडिया और विज्ञापन पर ईसीआई की पुस्तिका का पालन किया जाना चाहिए।
याचिका में भारत के चुनाव आयोग, दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण और आम आदमी पार्टी को निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में ईसीआई को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह कॉल को रोके और ऐसे संदेश फैलाने और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए आप के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने मतदाताओं पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाली सार्वजनिक डोमेन में अपमानजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए आप को निर्देश देने की मांग की।
याचिकाकर्ता ने कहा कि स्पैम कॉल सार्वजनिक डोमेन में घृणा, पक्षपात, दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक सामग्री फैलाने के इरादे से प्रेरित हैं।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय में कहा, "यह लोगों के मन में डर पैदा कर रहा है कि अगर आप उन्हें वोट नहीं देंगे, तो आपको मुफ्त चीजें नहीं मिलेंगी।"
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये कॉल स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित करते हैं।
चुनाव आयोग की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले से अवगत है और उसने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को मामले की जांच कर चुनाव आयोग को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि एक पुस्तिका है जिसमें राजनीतिक दलों के विज्ञापन के बारे में दिशा-निर्देश दिए गए हैं और बताया गया है कि चुनाव अधिकारियों को इसे कैसे संभालना चाहिए।
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Delhi High Court asks Election Commission to act on spam calls promoting AAP for elections