दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग हटाने का आदेश दिया, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद अदालत को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया था। [वैभव सिंह बनाम सुनीता केजरीवाल एवं अन्य]
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और अमित शर्मा की खंडपीठ ने सोशल मीडिया कंपनियों जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब को निर्देश दिया कि यदि कोई समान सामग्री दोबारा पोस्ट की जाती है तो उसे हटा दिया जाए और याचिकाकर्ता द्वारा सोशल मीडिया संस्थाओं के वकील को इसकी सूचना दी जाए।
पीठ ने अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य सोशल मीडिया हैंडल को भी नोटिस जारी किया, जिन्होंने वीडियो पोस्ट किया था।
अधिवक्ता वैभव सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश पारित किया।
सिंह ने कहा था कि सुनीता केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े कई अन्य सोशल मीडिया हैंडल ने अरविंद केजरीवाल द्वारा राउज एवेन्यू कोर्ट को संबोधित करते हुए ऑडियो/वीडियो पोस्ट किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित मामले में गिरफ्तारी के बाद विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) कावेरी बावेजा के समक्ष पेश होने पर व्यक्तिगत रूप से अदालत को संबोधित किया था।
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