दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) याचिका को खारिज कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने याचिकाकर्ता पर ₹ 1 लाख का जुर्माना भी लगाया, यह देखते हुए कि याचिका एक जनहित याचिका नहीं थी, बल्कि एक "प्रचार उन्मुख" याचिका थी।
याचिका ग्राम उदय फाउंडेशन नामक संस्था के अध्यक्ष संजीव कुमार तिवारी ने दायर की थी।
अदालत ने कहा, "वर्तमान याचिका केवल प्रचार हासिल करने के लिए दायर की गई है, जिसमें कोई सामग्री नहीं है।"
पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने भी जस्टिस चंद्रचूड़ की सीजेआई के रूप में नियुक्ति के खिलाफ इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर, बुधवार को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद की शपथ दिलाई।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने पूर्व सीजेआई यूयू ललित का स्थान लिया, जो 8 नवंबर, मंगलवार को कार्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे।
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