दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी की भाजपा नेता द्वारा मानहानि का मामला खारिज करने की याचिका खारिज की
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेताओं द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाए जाने के संबंध में टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि का मामला रद्द करने की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने कहा कि लोकतंत्र में नागरिकों को सच्ची और सही जानकारी जानने का अधिकार है, लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा कीचड़ उछालने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
न्यायालय ने कहा कि मौजूदा मामले में भाजपा के खिलाफ आप के आरोप अपमानजनक हैं और भाजपा को बदनाम करने तथा अनुचित राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए लगाए गए हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजीव बब्बर ने केजरीवाल, आतिशी के साथ-साथ आप नेताओं सुशील कुमार गुप्ता और मनोज कुमार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
बब्बर ने कोर्ट को बताया कि आप नेताओं ने दिसंबर 2018 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा के निर्देश पर चुनाव आयोग ने बनिया, पूर्वांचली और मुस्लिम समुदाय के करीब 30 लाख मतदाताओं के नाम दिल्ली की मतदाता सूची से हटा दिए हैं।
बब्बर ने कहा कि इस बयान ने मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए पार्टी को दोषी ठहराकर उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।
मार्च 2019 में एक मजिस्ट्रेट ने मामले में केजरीवाल और अन्य को समन जारी किया था। आप नेताओं ने समन आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय का रुख किया। हालांकि, सत्र न्यायाधीश ने समन को बरकरार रखा।
इसके बाद केजरीवाल, आतिशी और अन्य ने उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने मामले में नोटिस जारी किया और 28 फरवरी, 2022 को मामले की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Delhi High Court rejects plea by Arvind Kejriwal, Atishi to quash defamation case by BJP leader