दिल्ली हाईकोर्ट ने गीतांजलि सैलून पर बिना लाइसेंस के पीपीएल के गाने बजाने पर लगाई रोक

फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड ने कॉपीराइट उल्लंघन के लिए एक मुकदमा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि गीतांजलि सैलून बिना अनुमति के अपने कॉपीराइट वाले गाने बजा रहा था।
Delhi High Court
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में सैलून चेन गीतांजलि सैलून को ऐसे गाने बजाने से रोक दिया है जिसमें फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड (पीपीएल) बिना लाइसेंस प्राप्त किए कॉपीराइट रखती है [फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड बनाम गीतांजलि सैलून प्राइवेट लिमिटेड और अन्य]।

न्यायमूर्ति अनीश दयाल ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि पीपीएल ने निषेधाज्ञा देने के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनाया है और यदि यह प्रदान नहीं किया जाता है तो उसे अपूरणीय क्षति होगी। 

Justice Anish Dayal
Justice Anish Dayal

पीपीएल ने कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख करते हुए तर्क दिया कि गीतांजलि बिना लाइसेंस प्राप्त किए गाने बजा रही है और यह उल्लंघन के बराबर है।

उन्होंने 25 गीतांजलि सैलून का विवरण प्रदान किया जो कथित तौर पर बिना अनुमति के पीपीएल के गाने बजा रहे थे।

फोनोग्राफिक परफॉर्मेंस लिमिटेड का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर एम लाल ने खेतान एंड कंपनी के नेतृत्व वाले श्री अंकुर संगल, पार्टनर, रघु विनायक सिन्हा, एसोसिएट और शौर्य पांडे, एसोसिएट की टीम के साथ किया। 

[आदेश पढ़ें]

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Delhi High Court restrains Geetanjali salon from playing PPL's songs without license

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