![[ब्रेकिंग] दिल्ली उच्च न्यायालय ने आपराधिक प्रक्रिया पहचान अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा](https://gumlet.assettype.com/barandbench-hindi%2F2022-04%2F85f69acf-7284-4540-ba81-418abf7c77ca%2Fbarandbench_2022_04_ebd63b03_ba2d_49e0_8099_afc1a2a262a4_16.avif?auto=format%2Ccompress&fit=max)
दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) अधिनियम, 2022 के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने केंद्र को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
केंद्र सरकार के स्थायी वकील अमित महाजन ने यह मुद्दा उठाया कि जनहित याचिका में अधिनियम के दायरे को चुनौती नहीं दी जा सकती है और इसलिए याचिका को बनाए रखने योग्य नहीं है।
अदालत ने आदेश दिया, "श्री महाजन ने पोषणीयता के लिए एक मुद्दा उठाया है। नोटिस जारी करें। प्रतिवादी इस याचिका की रखरखाव के पहलू सहित अपना जवाब दाखिल करें। वही छह सप्ताह में होना चाहिए।"
मामले की फिर से सुनवाई 16 नवंबर को होगी।
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