दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कथित बिल जालसाजी मामले में ऑटोमोबाइल दिग्गज हीरो मोटोकॉर्प और इसके अध्यक्ष और अधिकारियों के खिलाफ दायर प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने कहा कि रोक छह दिसंबर, 2023 को सुनवाई की अगली तारीख तक लागू रहेगी।
ट्रायल कोर्ट के आदेश के बाद ब्रेन्स लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर रूप दर्शन पांडे की शिकायत पर 5 अक्टूबर, 2023 को मामला दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने हीरो के साथ-साथ इसके अध्यक्ष पवन मुंजाल सहित विभिन्न अधिकारियों का नाम लिया।
एफआईआर में हीरो पर धोखाधड़ी, जालसाजी और ₹5.9 करोड़ के बिल बनाने का आरोप लगाया गया। ब्रेन लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि यह अपराध 2009-10 के बीच हुआ था।
हीरो द्वारा एफआईआर को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बाद स्थगन आदेश पारित किया गया था।
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी हीरो मोटोकॉर्प की ओर से पेश हुए और तर्क दिया कि हीरो और शिकायतकर्ता रूप दर्शन पांडे के बीच नागरिक लड़ाई चल रही है और इस मुद्दे पर निर्णय लेना मध्यस्थ का काम है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में आपराधिकता का कोई सवाल ही नहीं है।
मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एफआईआर की कार्यवाही के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी।
इस दौरान दोनों पक्षों से समझौते की संभावनाएं तलाशने को कहा गया।
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Delhi High Court stays proceedings in cheating case against Hero MotoCorp Chairman, officials