ईडी ने क्रिश्चियन मिशेल की जमानत का विरोध किया; दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वह भाग सकता है

मिशेल की ओर से पेश हुए वकील अल्जो जोसेफ ने मिशेल के पासपोर्ट की अवधि समाप्त होने का हवाला देते हुए इस तर्क का खंडन किया।
Christian Michel, Delhi HC
Christian Michel, Delhi HC
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल की दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर जमानत याचिका का विरोध किया।

ईडी के विशेष वकील जोहेब हुसैन ने न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा से कहा कि मिशेल के भागने का खतरा है और अगर उसे जमानत दी जाती है तो वह देश छोड़कर भाग सकता है।

हुसैन ने कहा, "वह ब्रिटिश नागरिक है, इसलिए वह भाग सकता है। उसके भागने का खतरा है।"

मिशेल की ओर से पेश हुए वकील अल्जो जोसेफ ने मिशेल के पासपोर्ट की अवधि समाप्त होने का हवाला देते हुए इस तर्क का खंडन किया।

उन्होंने कहा, "मेरा पासपोर्ट पहले ही समाप्त हो चुका है। मेरे पास पासपोर्ट नहीं है।"

मजे की बात यह है कि जोसेफ ने यह भी कहा कि एक बार जब मिशेल विचाराधीन कैदी के तौर पर अपराध में अधिकतम सजा पूरी कर लेता है, तो उसे रिहा कर दिया जाना चाहिए और फिर यह मायने नहीं रखता कि वह भारत में रहे या चले जाए।

जोसेफ ने कहा, "अधिकतम सजा पूरी करने के बाद, अगर मैं भाग जाता हूं या रहता हूं, तो इससे क्या फर्क पड़ता है। 6 साल 2 महीने की सजा काट चुका हूं, 4 महीने दुबई में रहा हूं। मैं छूट का हकदार हूं। ईडी की दलील में कोई दम नहीं है।"

जरूरी बात यह है कि जोसेफ ने यह भी बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अभी तक सीबीआई मामले में जमानत देने के लिए शर्तें नहीं लगाई हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे अनुमति लेनी होगी। यदि ट्रायल कोर्ट मुझ पर शर्तें लगाता है, तो मुझे बाहर आने में समय लगेगा। यदि जमानत मिल जाती है, तो मैं ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेकर बाहर आ सकता हूं और पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकता हूं। फिर मुझे वीजा के लिए आवेदन करना होगा।"

Justice Swarana Kanta Sharma
Justice Swarana Kanta Sharma

घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में मिशेल को 18 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

हालांकि, वह अभी भी जेल में है क्योंकि उसे ईडी मामले में जमानत नहीं मिली है।

इस जमानत याचिका पर फिलहाल शर्मा सुनवाई कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने आज टिप्पणी की कि मामले में ट्रायल कोर्ट ने (सीबीआई मामले में) मिशेल की रिहाई के लिए अभी तक शर्तें नहीं लगाई हैं।

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा, "मैं बस यह देखना चाहती हूं कि वे (ट्रायल कोर्ट) क्या शर्तें लगाएंगे। आज श्री हुसैन कह रहे हैं कि वह देश छोड़कर भाग जाएंगे। मुझे देखने दीजिए कि वे क्या करते हैं। उन्हें (ट्रायल कोर्ट) शर्तें लिखने दीजिए। मुझे देखने दीजिए कि क्या शर्तें लगाई जा रही हैं।"

उन्होंने आखिरकार मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को तय की। ईडी के वकील को उस दिन शारीरिक रूप से पेश होने और मामले पर बहस करने के लिए कहा गया।

जोसेफ के अलावा, अधिवक्ता श्रीराम परक्कट और एमएस विष्णु शंकर भी मिशेल के लिए पेश हुए।

मिशेल को दिसंबर 2018 में भारत प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह जेल में है।

मिशेल पर आरोप है कि उसने भारत सरकार द्वारा वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद पर प्राप्त 42.27 मिलियन यूरो की अवैध कमीशन/किकबैक को वैध बनाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड के साथ बारह अनुबंध किए थे।

सीबीआई के अनुसार, यू.के. और यू.ए.ई. में बैंक खातों के माध्यम से अनुमानित 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर की रिश्वत हस्तांतरित की गई।

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