सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें एग्जिट पोल को खत्म करने की मांग की गई थी, क्योंकि वे चुनाव परिणामों को प्रभावित करते हैं। [बीएल जैन बनाम भारत संघ और अन्य]
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर गौर करना भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) का काम है और सर्वोच्च न्यायालय से चुनाव निकाय के मामलों को चलाने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
सीजेआई ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "सरकार पहले ही चुनी जा चुकी है। अब हमें चुनावों के दौरान जो कुछ भी होता है, उसे बंद करना चाहिए और अब देश में शासन चलाना चाहिए। चुनाव आयोग इसे संभालेगा और हम चुनाव आयोग को नहीं चलाएंगे। यह स्पष्ट रूप से राजनीतिक हित याचिका का मामला है।"
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी मई में कहा था कि वह ईसीआई के कामकाज को नियंत्रित नहीं कर सकता, जो एक संवैधानिक निकाय है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित सांप्रदायिक भाषणों के लिए आपराधिक शिकायत दर्ज करने की मांग वाली याचिका के जवाब में की।
आज के मामले में याचिकाकर्ता बीएल जैन अधिवक्ता वरुण ठाकुर के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश हुए।
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Won't run Election Commission: Supreme Court junks plea to ban exit polls