![[कृषि कानून] केंद्र सरकार से संसद मे कहा: विरोध के दौरान किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं, इसलिए मुआवजा नहीं](http://media.assettype.com/barandbench-hindi%2F2021-12%2Fd5510858-cbc0-470e-b429-1ee2905015f2%2Fbarandbench_2021_12_ec4d3f8f_4970_4951_ac99_51b87e2a2164_SUPREME_COURT_OF_INDIA__WEB_PAGE_1600x900__.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि उसके पास तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाहर प्रदर्शन कर रहे किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में बात कही कि ऐसे में मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का सवाल ही नहीं उठता।
केंद्र किसानों की मौतों के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहा था और क्या सरकार ऐसे किसानों के परिवारों को मुआवजा देने का इरादा रखती है।
प्रतिक्रिया में कहा गया है, "किसान कल्याण मंत्री के पास मौतों के मामले में कोई रिकॉर्ड नहीं है और इसलिए मुआवजे का सवाल ही नहीं उठता।"
हालांकि सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है, लेकिन विरोध कर रहे किसानों ने कहा है कि जब तक विरोध प्रदर्शन में मारे गए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे सहित उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक विरोध नहीं रोका जाएगा।
किसान संगठनों के अनुसार, एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 700 किसानों की मौत हो गई।
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