पाकिस्तान की ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर को आजीवन कारावास की सजा

इंजीनियर निशांत अग्रवाल को 2018 मे उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की सैन्य खुफिया और एटीएस द्वारा संयुक्त अभियान मे गिरफ्तार किया गया जब उसके खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अग्रवाल नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल केंद्र के तकनीकी अनुसंधान अनुभाग में कार्यरत थे।

उन्हें 2018 में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के सैन्य खुफिया और आतंकवाद निरोधक दस्तों (एटीएस) द्वारा एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था, जब उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए), भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) के तहत अपराध दर्ज किए गए थे।

एक सत्र न्यायाधीश एमवी देशपांडे ने आज फैसला सुनाया और सजा सुनाई, जिससे 20 जुलाई, 2022 को शुरू हुई सुनवाई समाप्त हो गई।

एक विस्तृत फैसले का इंतजार है।

जांच एजेंसियों ने ब्रह्मोस से संबंधित संवेदनशील डेटा को पाकिस्तान से संदिग्ध अपने 'हैंडलर' को लीक करने में अग्रवाल की संलिप्तता की जांच की।

उन पर आईटी एक्ट की धारा 66 (हैकिंग, साइबर अपराध), आईपीसी की धारा 419, 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 (जालसाजी), 120बी (आपराधिक साजिश), 121ए (केंद्र या राज्य सरकार को डराना) के साथ-साथ ओएसए के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने पहले उन्हें अप्रैल 2023 में जमानत दी थी।

अपनी सजा के साथ, अग्रवाल को अब जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा।

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Former BrahMoS engineer gets life sentence for spying for Pakistan’s ISI

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