जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल शुक्रवार को मुंबई की एक अदालत में रो पड़े और उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें कोई चिकित्सा उपचार प्रदान नहीं किया जाए क्योंकि उन्होंने जीवन में सभी उम्मीदें खो दी हैं और जेल में मरना पसंद करेंगे।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में न्यायिक हिरासत में चल रहे गोयल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जमानत के लिए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विशेष अदालत के समक्ष पेश हुए।
उन्होंने कहा कि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति अनिश्चित है और ठीक नहीं है।
उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें सरकारी जेजे अस्पताल रेफर नहीं किया जाए क्योंकि जेल से जेजे तक की यात्रा परेशानी, व्यस्त, थकाऊ थी और वह कतार को सहन नहीं कर सकते थे। उन्होंने अदालत से उन्हें जेल में रहने की अनुमति देने की मांग की।
उन्होंने न्यायाधीश से यह भी अनुरोध किया कि उन्हें जेल में मरने दिया जाए क्योंकि वह 75 वर्ष के थे और बेहतर भविष्य की कोई उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने कहा, "उसे जेजे अस्पताल मत भेजिए और जेल में ही मरने दीजिए। विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने दैनिक कार्यवाही की रिकॉर्डिंग में गोयल की दलील ों को दर्ज करते हुए कहा, "अब, उसने जीवन की हर उम्मीद खो दी है और बेहतर है कि उसे ऐसी स्थिति में जीवित रखने के बजाय मर जाना चाहिए।"
हालांकि, अदालत ने उन्हें आश्वासन दिया कि कैद के दौरान उचित चिकित्सा उपचार के साथ उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।
गोयल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर दर्ज एक मामले में एक सितंबर को गिरफ्तार किया था, जो खुद 7,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के लिए केनरा बैंक की शिकायत पर आधारित था।
गोयल से पूछताछ के बाद ईडी ने एक सितंबर को उन्हें आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया था।
बंबई उच्च न्यायालय ने गोयल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली और उनकी रिहाई की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद गोयल ने जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
न्यायाधीश ने शुक्रवार को गोयल की दलीलों पर गौर किया और गोयल को आश्वासन दिया कि उन्हें उचित उपचार मुहैया कराया जाएगा।
गोयल के वकीलों ने अदालत को आश्वासन दिया कि वे उनके चिकित्सा स्वास्थ्य के लिए उचित कदम उठाएंगे।
जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा के साथ अधिवक्ता अमीत नाइक, अभिषेक काले, हरीश खेडेकर और परीक्षित नाइक एंड कंपनी ने गोयल की ओर से पेश हुए।
ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुनील गोंजाल्विस पेश हुए।
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