आईएएस अधिकारी हमेशा आईपीएस/आईएफएस अधिकारियों पर वर्चस्व दिखाना चाहते हैं: सुप्रीम कोर्ट

न्यायालय ने कहा कि यह संघर्ष सभी राज्यों में है और आईपीएस तथा आईएफएस अधिकारियों में नाराजगी है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के सिविल सेवकों के बीच चल रही अहं की लड़ाई का उल्लेख किया।

न्यायमूर्ति बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने टिप्पणी की कि आईएएस अधिकारी हमेशा आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों पर अपना वर्चस्व दिखाने का प्रयास करते हैं।

न्यायमूर्ति गवई ने कहा, "आईएएस हमेशा आईपीएस या आईएफएस पर अपना वर्चस्व दिखाना चाहते हैं। यह मेरे सरकारी वकील और न्यायाधीश के रूप में अनुभव से है। यह संघर्ष सभी राज्यों में है और आईपीएस और आईएफएस के बीच नाराज़गी है कि 'हालांकि वे एक ही कैडर से हैं, फिर भी उन्हें आईएएस की सुनवाई क्यों करनी चाहिए'।"

Justice BR Gavai, Justice AG Masih
Justice BR Gavai, Justice AG Masih

न्यायालय पर्यावरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था, तभी आईएएस अधिकारियों द्वारा वन अधिकारियों को अपने आदेश का पालन करने के लिए कहने का मुद्दा उठा।

केंद्र सरकार के दूसरे सबसे वरिष्ठ विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह अधिकारियों के बीच इस तरह के आंतरिक विवादों को सुलझाने का प्रयास करेंगे।

Solicitor General Tushar Mehta
Solicitor General Tushar Mehta

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IAS officers always want to show supremacy over IPS/IFS officers: Supreme Court

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