
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या राजधानी में गुमशुदा व्यक्तियों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सॉफ्टवेयर है [दिल खुश बैरवा बनाम दिल्ली सरकार और अन्य]।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और धर्मेश शर्मा की पीठ ने आदेश दिया,
“राज्य सरकार एक संक्षिप्त हलफनामा पेश करे, जिसमें यह बताया जाए कि क्या कोई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल दिल्ली पुलिस ऐसे लापता व्यक्तियों के ठिकाने की पुष्टि और जांच के लिए कर सकती है या कर चुकी है, जो अस्थिर चिकित्सा स्थितियों सहित विभिन्न कारणों से लापता हो सकते हैं।”
अदालत एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसके पिता का पता लगाने की मांग की गई थी, जो फरवरी 2023 से लापता है।
दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, अपेक्षित प्रक्रिया का पालन किए जाने के बावजूद याचिकाकर्ता के पिता का पता नहीं लगाया जा सका।
इसके बाद अदालत ने पुलिस को आदेश दिया कि वह एआई सॉफ्टवेयर का उपयोग करके याचिकाकर्ता के पिता को खोजने का प्रयास करे और उसके बाद एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे।
अगली सुनवाई की तारीख 18 मार्च है।
बैरवा की ओर से अधिवक्ता अहसान संजर, कमलेश कुमार मिश्रा, नितिन कुमार नाटक, रेणु और अर्पिता पेश हुए।
राज्य की ओर से अधिवक्ता प्रियम अग्रवाल और अभिनव आर्य के साथ स्थायी वकील संजय लाओ पेश हुए।
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Is there AI software for tracing missing persons? Delhi High Court asks Delhi Police