इस्लाम अपनाने, मुस्लिम से शादी पर रिश्तेदारो द्वारा जान से मारने की धमकी पर JK HC ने महिला, पति को सुरक्षा देने का आदेश दिया

अदालत ने JK पुलिस महानिदेशक के माध्यम से जम्मू & कश्मीर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओ को महिला के रिश्तेदारो या किसी के द्वारा परेशान,अपहरण, हमला या कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाए
High Court of Jammu & Kashmir, Srinagar
High Court of Jammu & Kashmir, Srinagar

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आदेश दिया कि एक महिला और उसके पति को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए, क्योंकि उसने आरोप लगाया था कि उन्हें इस्लाम अपनाने और मुस्लिम से शादी करने के लिए उसके परिवार के सदस्यों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। (खदीजा और अन्य V/s केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और अन्य।)

न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे की एकल-न्यायाधीश खंडपीठ ने जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश (J & K) को पुलिस महानिदेशक के माध्यम से निर्देश जारी किए कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि याचिकाकर्ताओं को निजी उत्तरदाताओं किसी के भी द्वारा परेशान, अपहरण, हमला या कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाये।

मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों में याचिकाकर्ताओं के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करना आवश्यक हो गया है कि याचिकाकर्ताओं को निजी प्रतिवादियों द्वारा परेशान, अपहरण, हमला या कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाये और उन्हें अपने विवाहित जीवन को अपनी पसंद के अनुसार जीने की अनुमति दी जाये।

आधिकारिक प्रतिवादी जिनके अधिकार क्षेत्र में याचिकाकर्ता रहने वाले बताए गए हैं यानी एसएसपी बडगाम और एसएचओ पुलिस स्टेशन चदूरा को निर्देशों का अक्षरश: कार्यान्वयन सुनिश्चित करना चाहिए।

अपनी याचिका में, महिला ने कहा कि उसने 12 फरवरी, 2021 को मुस्लिम नाम खदीजा को अपनाते हुए अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया था।

उसने आरोप लगाया कि जैसे ही उसके धर्म परिवर्तन की खबर महिला के परिवार को मिली, वे उसे धमकी देने लगे और उसके पति और उसे झूठे मामलों में फंसाया।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे उन्हें अदालत का रुख करना पड़ा।

बहस के दौरान, वकील ने लता सिंह बनाम यूपी राज्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा किया जिसमें शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया था कि यदि एक वयस्क लड़का और लड़की अंतर-जाति या अंतर्धार्मिक विवाह से गुजरते हैं तो ऐसे जोड़े को किसी के द्वारा प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए।

यह भी बताया गया कि महिला के माता-पिता के कहने पर थाना सतवार में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

अदालत ने पुलिस सुरक्षा का आदेश देने के अलावा पुलिस स्टेशन सतवारी, जम्मू के एसएचओ को भी आदेश दिया कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किसी भी मामले के अनुसरण में उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए।

मामले की अगली सुनवाई 28 मई 2021 को होगी।

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Jammu & Kashmir High Court orders protection to woman, husband after she alleges death threats by relatives for embracing Islam, marrying Muslim

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