झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य को पुलिस स्टेशनो मे सीसीटीवी कैमरों के लिए 18 महीने संग्रहण क्षमता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया

कोर्ट ने कहा कि पुलिस स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों के उचित रखरखाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पुलिस स्टेशनों में लगे सीसीटीवी कैमरे कम से कम 18 महीने तक डेटा संग्रहीत करें। [प्रॉपर्टीमेन रियल्टी प्रा. लिमिटेड बनाम झारखंड राज्य एवं अन्य]।

न्यायमूर्ति संजय कुमार द्विवेदी ने यह देखने के बाद आदेश पारित किया कि पुलिस स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरों के उचित रखरखाव के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इसलिए, अदालत ने डीजीपी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और कोई भी हिस्सा खुला न रहे।

इसमें कहा गया है कि इन सीसीटीवी को तीन महीने के भीतर सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार, सभी लॉकअप, सभी गलियारे, लॉबी या रिसेप्शन क्षेत्र, सभी बरामदे/आउटहाउस, इंस्पेक्टर के कमरे, सब-इंस्पेक्टर के कमरे लॉक-अप रूम के बाहर का क्षेत्र, स्टेशन हॉल, पुलिस स्टेशन परिसर के सामने, बाहर (अंदर नहीं) शौचालय, ड्यूटी अधिकारी का कमरा, पुलिस स्टेशन का पिछला हिस्सा, आदि में स्थापित किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा, "झारखंड राज्य और पुलिस महानिदेशक, झारखंड यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थापित उपकरण 18 महीने तक डेटा संग्रहीत करने में सक्षम हों।"

इसने फ्लैटों की खरीद और ऋण पर विवाद से संबंधित प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश पारित किए। मामले में आरोप चेक के कथित अनादर से भी जुड़े हैं।

गौरतलब है कि प्राथमिकी में आरोपियों ने आरोप लगाया है कि धनबाद पुलिस ने मुखबिर के साथ मिलकर उन पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव डाला।

इस संदर्भ में, कोर्ट ने जुलाई में पुलिस को संबंधित तारीखों के लिए बैंकमोर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया था।

हालांकि, बाद में पुलिस ने कहा कि फुटेज उपलब्ध नहीं है क्योंकि सिस्टम केवल 10 दिनों का डेटा स्टोर करता है।

हालांकि तथ्यों पर विवादित सवाल होने के कारण कोर्ट ने एफआईआर में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, लेकिन कोर्ट ने इसे अजीब बताया कि राज्य के साथ-साथ डीजीपी ने धनबाद जैसी जगह में, जहां अपराध दर अधिक थी, उचित सीसीटीवी रखरखाव सुनिश्चित नहीं किया था।

कोर्ट ने राज्य और डीजीपी को 18 दिनों की भंडारण क्षमता वाले सीसीटीवी कैमरों की स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

[आदेश पढ़ें]

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Jharkhand High Court directs State to ensure 18-month storage capacity for CCTV Cameras at police stations

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