दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में राजद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट का संज्ञान लिया, जिसमें कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अन्य संलिप्त है।
पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपी व्यक्तियों को 15 मार्च को तलब किया।
आरोप पत्र में कन्हैया कुमार और उमर खालिद के अलावा, जेएनयू कैंपस में 2 फरवरी, 2016 को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में छात्र अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य को नामित किया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A, 143, 465, 471,147,149,120B और 323 के तहत अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले में आरोपपत्र 14 जनवरी, 2019 को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर किया गया था। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने हालांकि, दिल्ली सरकार से मंजूरी नहीं मिलने के कारण आरोप पत्र पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने लगभग 90 व्यक्तियों के दस्तावेजी साक्ष्य, सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीद गवाह के आधार पर अपने निष्कर्षों का दावा किया है।
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार होने के लगभग तीन हफ्ते बाद मार्च 2016 में कन्हैया को दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके तुरंत बाद, एक अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने मामले में खालिद और भट्टाचार्य को अंतरिम जमानत दे दी।
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