
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य लोकायुक्त को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले से संबंधित मामले में अब तक की गई जांच का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके सह-आरोपी तथा केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर उनसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग करने वाली याचिका पर जवाब देने को कहा।
हाईकोर्ट स्नेहमयी कृष्णा, जो मुदा घोटाले में तीन शिकायतकर्ताओं में से एक हैं, द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कथित घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग की गई थी।
कृष्णा ने कहा कि लोकायुक्त, चूंकि यह राज्य सरकार के अधीन आता है, इसलिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़े मामले में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं हो सकता है।
मंगलवार को, कृष्णा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केजी राघवन ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता को डर है कि लोकायुक्त इस तरह से जांच नहीं कर सकते हैं जिससे जनता का विश्वास पैदा हो।
इसके बाद न्यायालय ने कहा कि वह 26 नवंबर को मामले की आगे की सुनवाई करेगा।
इस वर्ष सितंबर में न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने सिद्धारमैया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने की मंजूरी को चुनौती दी गई थी, जिसे MUDA ने उनकी पत्नी पार्वती को दी थी।
इसके बाद, कर्नाटक लोकायुक्त ने MUDA साइटों के आवंटन के संबंध में भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों पर सिद्धारमैया और तीन अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
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Karnataka High Court asks Lokayukta for details of probe against Siddaramaiah in Muda scam