कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और अधिवक्ता जी देवराजे गौड़ा को कथित बलात्कार और छेड़छाड़ के एक मामले में जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति एमजी उमा ने गौड़ा को जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया।
गौड़ा पर शुरू में हसन जिले के होलेनरसीपुर पुलिस स्टेशन में एक महिला की शिकायत पर यौन उत्पीड़न के आरोप में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने अपनी संपत्ति बेचने में मदद करने के बहाने उसके साथ छेड़छाड़ की थी।
हालांकि, कुछ दिनों बाद, महिला ने फिर से पुलिस से संपर्क किया और दावा किया कि गौड़ा ने उसके साथ बलात्कार किया था। इसके बाद मई में पुलिस ने गौड़ा को गिरफ्तार कर लिया था।
हालांकि, उसके खिलाफ शिकायत दर्ज होने से पहले, गौड़ा ने तीन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे हनीट्रैप में फंसाया गया है।
5 जून को ट्रायल कोर्ट ने माना कि जांच लंबित रहने तक गौड़ा को जमानत नहीं मिल सकती। आदेश से व्यथित गौड़ा ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
गौरतलब है कि गौड़ा ने पिछले साल दावा किया था कि उनके पास निलंबित जनता दल (सेक्युलर) नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा कई महिलाओं का यौन शोषण करने वाले वीडियो हैं। उन्होंने इस बारे में भाजपा नेतृत्व को सचेत करने का भी दावा किया था।
गौड़ा ने कर्नाटक में 2023 का विधानसभा चुनाव होलेनरसीपुर से लड़ा था। हालांकि, वह राज्य के पूर्व मंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के विधायक एचडी रेवन्ना, प्रज्वल रेवन्ना के पिता से हार गए थे।
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Karnataka High Court grants bail to Advocate G Devaraje Gowda in rape, molestation case