केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मलयालम सिने अभिनेता दिलीप के खिलाफ 2017 की अभिनेत्री के साथ मारपीट मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों की कथित तौर पर हत्या की साजिश रचने के लिए दायर की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को रद्द करने से इनकार कर दिया। [पी गोपालकृष्णन @ दिलीप बनाम केरल राज्य और अन्य।]
एकल-न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज़ियाद रहमान एए ने दिलीप द्वारा उनके और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत न्यायालय की शक्तियों को केवल दुर्लभतम मामलों में ही लागू किया जा सकता है।
आदेश में कहा गया है, "ऊपर चर्चा की गई न्यायिक मिसालों और इस मामले के तथ्यों में उसमें निर्धारित सिद्धांतों को लागू करने के आलोक में, केवल एक ही निष्कर्ष संभव है कि याचिकाकर्ता इस स्तर पर हस्तक्षेप की गारंटी देते हुए कोई मामला नहीं बना सका। भले ही धारा 482 सीआरपीसी के तहत इस न्यायालय की शक्ति बहुत व्यापक है; जब एफआईआर रद्द करने की बात आती है, तो इसे केवल दुर्लभतम मामलों में ही लागू किया जा सकता है। मुझे नहीं लगता कि यह एक ऐसा मामला है जो उस श्रेणी में आता है, और इसलिए मुझे इस मामले में हस्तक्षेप की कोई भी परिस्थिति नहीं मिलती है। अत: अनुबंध-9 प्राथमिकी रद्द करने की प्रार्थना एतद्द्वारा अस्वीकृत की जाती है।"
[आदेश पढ़ें]
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें