वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर के क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया जहां से शिवलिंग को बरामद किया गया था, इसी तरह की एक याचिका मथुरा में एक स्थानीय अदालत में शाही ईदगाह मस्जिद को सील करने के लिए दायर की गई है जो कि श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद का विषय है।
दो वकीलों महेंद्र प्रताप सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा दायर याचिका में शाही ईदगाह मस्जिद के संबंध में समान राहत का दावा करने के लिए ज्ञानवापी विवाद में पारित आदेश का हवाला दिया गया है।
याचिका मे कहा गया कि, "निवेदन है कि हाल ही में राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के वाद में हुए सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद में जिस प्रकार से हिंदू शिवलिंग अवशेष मिले हैं उससे स्थिति स्पष्ट हो गई है कि प्रतिवादीगण वहां प्रारंभ से की इसी कारण विरोध करते रहे। यही स्थिति उपरोक्त मुकदमें की वादिय संपत्ति श्री कृष्ण जन्म भूमि की है जो असली गर्भगृह है।"
सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा के समक्ष दायर याचिका में दावा किया गया कि कमल, शेषनाग, ओम, स्वस्तिक आदि जैसे हिंदू धार्मिक अवशेष हैं, जिनमें से कुछ को नष्ट कर दिया गया है और कुछ अब प्रतिवादियों द्वारा नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
आवेदन मे कहा गया, " इस स्थिति में अगर हिंदू अवशेषों को मिटा दिया गया तो कलेक्टर ऑफ हो जाएगा मैं वाद का उद्देश्य साक्ष्य समाप्त हो जाएंगी जिससे वादीगण की अपूरणीय क्षति होगी"
इसलिए, याचिका में मस्जिद में सभी की पहुंच को प्रतिबंधित करके परिसर की उचित सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की गई है।
याचिका मे प्रार्थना की गयी, "अतः प्रार्थना है कि उपरोक्त परिस्थितियों के मद्देनजर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय मथुरा एवं जिला मजिस्ट्रेट मथुरा व सीआरपीएफ कमांडेंट को निर्देशित किया जाए कि वे उक्त मुकदमें की प्रश्नगत संपत्ति यानी शाही ईदगाह को सील करें व परिसर के लिए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करें और उन्हें निर्देश दिया जाए कि वे उक्त संपत्ति यह बने प्राचीन हिंदू धार्मिक चिन्हों स्वास्तिक, कमल, ओम आदि को नष्ट न करें।"
एक दीवानी अदालत ने पहले एक मुकदमे को खारिज कर दिया था जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद को इस आधार पर हटाने की मांग की गई थी कि यह कृष्णा जन्मभूमि भूमि पर बनी है। अदालत ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के तहत मामले को स्वीकार करने पर रोक का हवाला दिया था।
हालांकि, इस फैसले के खिलाफ मथुरा जिला अदालत में अपील की गई, जिसने 5 मई, 2022 को फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला 19 मई, गुरुवार को सुनाए जाने की उम्मीद है।
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[Krishna Janmabhoomi case] Plea filed in Mathura court to seal Shahi Idgah Mosque