[ब्रेकिंग] सुप्रीम कोर्ट ने AIBE पर रोक लगाने वाली याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किए

कोर्ट ने याचिका जिसमे ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन रूल्स 2010 की वैधता और इस तरह की परीक्षा को निर्धारित करने के लिए बीसीआई की शक्ति को चुनौती दी गयी है, में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से जवाब मांगा।
Bar Council Of India, AIBE
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सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को अखिल भारतीय बार परीक्षा नियम 2010 को चुनौती देने वाली एक याचिका में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की प्रतिक्रिया मांगी जिसमें BCI ने यह प्रतिपादित किया कि भारतीय अदालतों के समक्ष वकालत करने के लिए एक अधिवक्ता को ऑल इंडिया बार परीक्षा (AIBE) को उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।

जस्टिस एएम खानविल्कर, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने भी एआईबीई के संचालन पर रोक लगाने की याचिका में बीसीआई को नोटिस जारी किया। नोटिस 3 सप्ताह में वापस करने योग्य है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एआईबीई को चुनौती सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पहले से ही लंबित है।

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि मुद्दा यह था कि क्या एआईबीई को बीसीआई की ओर से शक्ति की अनुपस्थिति में इस तरह की परीक्षा आयोजित करने के लिए रखा जा सकता है। बेंच ने सहमति व्यक्त की और इसलिए, एआईबीई पर रोक के लिए अंतरिम प्रार्थना वाली याचिका मे बीसीआई की प्रतिक्रिया मांगी।

पार्थसारथी महेश सराफ द्वारा दायर याचिका, जिसने 2019 में नामांकित किया था, ने प्रेक्टिस के लिए नामांकन के बाद की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बीसीआई के अधिकार पर सवाल उठाया।

याचिकाकर्ता ने एआईबीई 2021 को 24 जनवरी और 13 मार्च को आयोजन के संबंध में बीसीआई द्वारा 21 दिसंबर, 2020 को जारी अधिसूचना को भी चुनौती दी थी।

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[BREAKING] Supreme Court issues notice to Bar Council of India in plea to stay AIBE

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