इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को वेब सीरीज 'तांडव' अमेज़न प्राइम (इंडिया), की कंटेंट हेड अपर्णा पुरोहित को उनके खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में किसी भी आक्रामक कार्रवाई या गिरफ्तारी से को संरक्षण दिया। (अपर्णा पुरोहित बनाम यूपी राज्य)।
पुरोहित ने अदालत के समक्ष आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने याचिका में अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिया कि "आदेश की घोषणा तक आवेदक के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।"
पुरोहित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295-ए, 505 (1) (बी), 505 (2) और प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 और 67 के तहत अपराधों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर की गई थी।
पुरोहित के अलावा, तांडव के निदेशक, अली अब्बास जफर, निर्माता हिमांशु मेहरा और लेखक गौरव सोलंकी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
यह बताया गया कि उपरोक्त एफआईआर के अलावा, उनके खिलाफ मध्य प्रदेश, लखनऊ, नोएडा आदि में विभिन्न शिकायतें दर्ज की गई थीं।
20 जनवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी
27 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत के लिए देश भर के उच्च न्यायालयों से संपर्क करने के लिए कहने के बजाय तांडव रचनाकारों को संरक्षण देने से इनकार कर दिया था।
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