इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (AHCBA) ने सोमवार को एक वकील की सदस्यता समाप्त कर दी, जिसने वकीलों की हड़ताल के बावजूद ई-फाइलिंग सुविधा का उपयोग करके मामला पेश किया।
AHCBA ने अब वकील सुनील कुमार चौधरी को 2 मार्च को दोपहर 12:00 बजे सदस्यों के समक्ष पेश होने के लिए कहा है कि वे माफी मांगें, ऐसा करने मे विफल होने पर AHCBA उत्तर प्रदेश बार काउंसिल को उनका पंजीकरण समाप्त करने के लिए लिखेगा।
आम सभा द्वारा आंदोलनरत रहते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएसन के न्यायिक कार्य से विरत रहने के निर्णय के बावजूद जनहित याचिका ई-फाइलिंग के माध्यम से फाईल करने के कारण श्री सुनील कुमार की सदस्यता हाईकोर्ट बार एसोसिएसन की सम्मति से समाप्त कर दी गयी तथा यह अवसर प्रदान किया गया कि यदि सुनील कुमार उपरोक्त दिनांक 02.03.2021 को दिन मे 12 बजे तक हाईकोर्ट बार एसोसिएसन के अध्यक्ष/महासचिव के समक्ष माफी नहीं मांगी गयी तो हाईकोर्ट बार एसोसिएसन द्वारा बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश से उनका पंजीकरण निरस्त करने हेतु लिखा जाएगा
AHCBA एजुकेशन ट्रिब्यूनल बिल का विरोध कर रहा है जिसने शिक्षा न्यायाधिकरण की बैठक को द्विभाजित कर दिया है।
AHCBA चाहता है कि ट्रिब्यूनल की मुख्य सीट प्रयागराज में हो क्योंकि 2019 में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया था।
बिल शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रधान पीठ लखनऊ में स्थापित किए जाने के संबंध मे पारित किया गया है
सोमवार को AHCBA द्वारा पारित एक अलग प्रस्ताव में, सदस्यों से आग्रह किया गया है कि जब तक बार एसोसिएशन की मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक कोई भी मामला पेश न करें। यह भी सूचित किया गया है कि सदस्य न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।
इस प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि कोई वकील किसी भी मामले को शारीरिक रूप या केस दर्ज करने के लिए ई-फाइलिंग सुविधा का उपयोग करता है, तो उनके खिलाफ AHCBA की गवर्निंग काउंसिल द्वारा कडी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने ट्रिब्यूनल की सीट के लिए लखनऊ में बिना किसी द्विभाजन के प्रस्तावित किया है।
यह उनका दावा है कि ट्रिब्यूनल के कार्य करने के लिए लखनऊ में पर्याप्त बुनियादी ढांचा है।
23 फरवरी को अवध बार द्वारा पारित एक प्रस्ताव पर प्रकाश डाला गया कि एचसी का एक नवनिर्मित विशाल भवन है, जिसमें सुसज्जित 55 कोर्ट रूम हैं, लेकिन केवल 30 अदालतें ही काम कर रही हैं।
दोनों बार एसोसिएशन पिछले हफ्ते से न्यायिक कार्य से विरत हैं और 2 मार्च तक अपना विरोध / हड़ताल जारी रखने का संकल्प लिया है।
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