इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वेब शो ‘पाताल लोक’ और ‘xxx-सीजन 2 के प्रसारण के खिलाफ याचिका खारिज कीं

उच्च न्यायलाय ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे इन कार्यक्रमों के प्रसारण के खिलाफ अपनी शिकायतें सक्षम सरकारी प्राधिकारी से करें
Paatal Lok Poster|News Time India
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मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने वेब कार्यक्रम पाताल लोक और xxx-सीजन 2 के प्रसारण के खिलाफ दायर याचिकायें खारिज कर दी हैं।

‘पाताल लोक’ वेब सिरीज के खिलाफ दायर याचिका में कहा गया था कि यह श्रृंखला ‘सनातन धर्म’ के सिद्धांतों को आहत करती है और इससे संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी हनन होता है।

न्यायालय ने कहा कि बेहतर होगा अगर याचिका अपनी समस्या भारत सरकार के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष उठाये।

न्यायालय ने इसी तरह की एक अन्य याचिका वेब सिरीज xxx-सीजन 2 के खिलाफ भी खारिज की। इस मामले में भी न्यायालय ने याचिकाकर्ता को सरकार के सक्षम प्राधिकारी के पास जाने की छूट प्रदान की।

इस मामले में यह पाया गया कि याचिकाकर्ता इसमें लागू होने वाले कानून के मामले में न्यायालय की मदद करन की स्थिति में नहीं था। न्यायालय ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि याचिकाकर्ता ने अपनी समस्या के लिये अभी तक सरकार में सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रतिवेदन भी नहीं दिया है।

न्यायालय ने इन टिप्पणियों के साथ दोनों याचिकायें खारिज कर दीं,

उच्च न्यायालय ने कहा कि कानून का यह एक प्रतिपादित सिद्धांत है कि रिट याचिका के माध्यम से परमादेश की मांग करने वाले व्यक्ति को पहले समक्ष प्राधिकारी से यह मांग करनी चाहिए।इस सिद्धांत से सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में भी हटा जा सकता और इस याचिका में याचिकाकर्ता ने ऐसी किसी परिस्थिति की ओर ध्यान आकर्षित नहीं किया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय

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Anniruddha_Singh_v_Union_of_India_and_8_Ors_WPIL_A__737_2020.pdf
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Sangeeta_Gupta_Advocate_v_Union_of_India____4_Ors_WPIL_A__743_2020.pdf
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Allahabad High Court dismisses petitions filed against the airing of web shows "Paatal Lok" and "XXX-Season 2"

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