इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वक्फ अधिनियम, 1995 को चुनौती देने वाली याचिका पर अटॉर्नी जनरल, महाधिवक्ता से जवाब मांगा

याचिकाकर्ता आशीष तिवारी की याचिका में वक्फ अधिनियम के तहत जारी किसी भी अधिसूचना, आदेश, निर्णय या नियम को हिंदुओं की संपत्तियों पर लागू नहीं होने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
Allahabad High Court
Allahabad High Court
Published on
1 min read

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते भारत के महान्यायवादी आर वेंकटरमणि और उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा को वक्फ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका में नोटिस जारी किया था। [आशीष तिवारी बनाम यूओआई]

मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ द्वारा पारित आदेश में कहा गया है,

"चूंकि संसद के एक अधिनियम की वैधता को चुनौती दी जा रही है, भारत के महान्यायवादी, उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता और प्रतिवादी संख्या 3 को 15 दिसंबर, 2022 के लिए नोटिस जारी किया जाए।"

मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

याचिकाकर्ता आशीष तिवारी की याचिका में वक्फ अधिनियम के तहत जारी किसी भी अधिसूचना, आदेश, निर्णय या नियम को हिंदुओं या गैर-इस्लामिक समुदायों से संबंधित संपत्तियों पर लागू नहीं होने के लिए निर्देश देने की मांग की गई।

याचिका में वक्फ अधिनियम के कुछ प्रावधानों को संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25, 26, 27 और 300-ए के उल्लंघन के रूप में रद्द करने की भी मांग की गई है।

याचिकाकर्ता ने आगे तर्क दिया कि प्रावधान प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं, क्योंकि प्रभावित व्यक्तियों को सुनवाई का अवसर देने के लिए पर्याप्त प्रावधान नहीं किया गया है जो संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में शामिल करने का विरोध करना चाहते हैं।

[आदेश पढ़ें]

Attachment
PDF
Ashish_Tewari_v_UOI.pdf
Preview

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com