[ब्रेकिंग] अर्णब गोस्वामी की अंतरिम जमानत के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल की सुनवाई करेगी

याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ अपील है जिसमे बॉम्बे हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत के लिए गोस्वामी की याचिका कर दी थी।
[ब्रेकिंग] अर्णब गोस्वामी की अंतरिम जमानत के लिए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल की सुनवाई करेगी
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सुप्रीम कोर्ट कल रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या के मामले में अंतरिम जमानत की मांग की गयी है।

यह याचिका जो 9 नवंबर के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक अपील है जो कि जिसमे डी वाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी। उच्च न्यायालय ने गोस्वामी की याचिका को खारिज कर दिया था, जबकि उन्हें नियमित जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख करने के लिए कहा था।

उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि गोस्वामी के पास कानून के तहत एक उपाय है कि वे संबंधित सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं और नियमित जमानत कि मांग करें।

उच्च न्यायालय गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नीतीश सरदा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमे उन्होने गिरफ्तारी को चुनौती दी थी और अंतरिम जमानत की मांग कर रहे थे।

फिरोज शेख के रिश्तेदार, परवीन शेख ने भी आरोपियों के लिए जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया था कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत नियमित जमानत के लिए आवेदन करने का उपाय अप्रभावित रहेगा।

"याचिकाकर्ता के पास नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत एक वैकल्पिक और प्रभावकारी उपाय है। आवेदनों की सुनवाई के समापन के समय, हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि याचिकाकर्ता द्वारा संबंधित न्यायालय के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत नियमित जमानत के लिए आवेदन किया जाता है तो उस मामले में हमने संबंधित न्यायालय को निर्देश दिया है कि याचिका किए प्रस्तुत होने के चार दिनों के भीतर उक्त याचिका मे निर्णय करना होगा।"

गोस्वामी 2018 मामले के संबंध में 4 नवंबर से न्यायिक हिरासत में हैं और इस मामले को 2019 में बंद कर दिया गया था। इसे नाइक की बेटी अदन्या नाइक द्वारा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को दिये गए अभ्यावेदन के आधार पर 2020 में फिर से खोला गया।

गोस्वामी ने इस आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी कि उनका हिरासत अवैध था।

न्यायालय ने मामले के गुण और कथित अवैध गिरफ्तारी पर अपनी राय व्यक्त करने से इनकार कर दिया क्योंकि इन पहलुओं से संबंधित प्रार्थना पर विचार किया जाएगा जब प्राथमिकी को रद्द करने की मुख्य याचिका पर दिसंबर में विचार किया जाएगा।


गोस्वामी को 4 नवंबर की सुबह मुंबई में उनके निवास से गिरफ्तार किया गया और अलीबाग ले जाया गया, जहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया। नाइक और उसकी माँ ने अलीबाग में अपने फार्म हाउस में आत्महत्या कर ली थी।

गोस्वामी को शुरू में एक स्थानीय स्कूल में रखा गया था जिसे अलीबाग जेल के लिए एक कोविड -19 केंद्र के रूप में नामित किया गया था।


8 नवंबर को उन्हें रायगढ़ जिले की तलोजा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, जब उन्हें न्यायिक हिरासत में रहते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते पाया गया था।

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