[बाबरी मस्जिद विध्वंस] इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लालकृष्ण आडवाणी, अन्य को बरी करने के खिलाफ अपील खारिज की

याचिका में विशेष सीबीआई अदालत के 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें कहा गया था कि बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की साजिश के अस्तित्व को स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं था।
[बाबरी मस्जिद विध्वंस] इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लालकृष्ण आडवाणी, अन्य को बरी करने के खिलाफ अपील खारिज की
Published on
1 min read

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को लखनऊ में एक विशेष सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी, जिसमें पूर्व उप प्रधान मंत्री लालकृष्ण आडवाणी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कई अन्य लोगों को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले मे बरी कर दिया गया था। [हाजी महबूब अहमद बनाम यूपी राज्य]।

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने अयोध्या के दो मुस्लिम निवासियों द्वारा मामले में दायर अपील को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने दलीलें पूरी करने के बाद 31 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अयोध्या में रहने वाले हाजी महबूब अहमद और सैयद अखलाक अहमद की अपील ने विशेष सीबीआई अदालत के 2020 के फैसले को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की साजिश के अस्तित्व को स्थापित करने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं था।

अपील में दावा किया गया कि वे पीड़ित होने के साथ-साथ गवाह भी थे, जिन्होंने अपने ऐतिहासिक पूजा स्थल, बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आगजनी, लूट आदि के कारण उनके घरों को नष्ट करने के कारण उन्हें वित्तीय नुकसान हुआ।

और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें


[Babri Masjid demolition] Allahabad High Court dismisses appeal against acquittal of LK Advani, others

Hindi Bar & Bench
hindi.barandbench.com