बेंगलुरु की एक अदालत ने मंगलवार को यौन शोषण मामले में कर्नाटक विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) सूरज रेवन्ना, एच.डी. रेवन्ना के बड़े बेटे और प्रज्वल रेवन्ना के भाई द्वारा दायर जमानत याचिका खारिज कर दी।
मजिस्ट्रेट केएन शिवकुमार, जिन्होंने इस साल 4 जुलाई को सूरज की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा था, ने अभियोजन पक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए आवेदन को खारिज कर दिया।
इससे पहले, विशेष लोक अभियोजक अशोक नाइक ने सूरज की जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद हैं और उसके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और इसके लिए अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
नाइक ने यह भी तर्क दिया था कि अगर सूरज को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम ने सूरज रेवन्ना का प्रतिनिधित्व किया।
अदालत के आदेश को अभी सार्वजनिक किया जाना बाकी है।
सूरज रेवन्ना को एक दिन पहले पूछताछ के बाद 23 जून को हसन पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
एक युवक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सूरज के खिलाफ धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 342 (अवैध हिरासत), 506 (आपराधिक धमकी), 34 (एक ही इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और गृह मंत्री को बताया था कि सूरज रेवन्ना ने चन्नरायपटना तालुका के गन्नीगाडा फार्म हाउस में उसके साथ बिना सहमति के यौन संबंध बनाए थे।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
Bengaluru court rejects Suraj Revanna bail plea in sexual abuse case