मुंबई में सबसे अधिक कंपनी याचिकाएं दायर, NCLAT बेंच क्यों नहीं? बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा

कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिट याचिका को जनहित याचिका में बदलने की अनुमति दी। याचिका में आवश्यक संशोधन करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया।
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मुंबई में अधिकतम कंपनी मामले दर्ज किए गए हैं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) से पूछा कि देश की वाणिज्यिक राजधानी में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की कोई बेंच क्यों नहीं है।

यह टिप्पणी न्यायमूर्ति एए सैयद और एमजे जमादार की खंडपीठ ने की, जब उन्होंने मुंबई सहित विभिन्न स्थानों में एनसीएलएटी बेंचों की स्थापना की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई की।

MCA की ओर से पेश अधिवक्ता अजिंक्य जयभावे ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली को NCLAT की स्थापना करने वाली साइट के रूप में चुना गया क्योंकि यह देश की राजधानी है।

याचिकाकर्ता निकी पोकर की ओर से पेश वकील प्रकाश पंड्या और प्रतीक सरकार ने कोर्ट को बताया कि शुरुआत से ही देश में 15 नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) हैं और केवल NCLAT है।

उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में चेन्नई में NCLAT की एक बेंच ने काम करना शुरू किया।

पोकर ने एनसीएलएटी के ई-फाइलिंग टैब की सक्रियता की भी मांग की है, जिसमें ई-फाइलिंग शुल्क के भुगतान के प्रावधान भी शामिल हैं।

न्यायालय ने याचिका में प्रार्थनाओं पर ध्यान दिया और याचिकाकर्ता को याचिका में संशोधन करने के लिए भी छूट दी ताकि इसे जनहित याचिका के रूप में प्रस्तुत किया जा सके।

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Highest number of company petitions filed in Mumbai, why no NCLAT Bench? Bombay High Court to Central Government

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