बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई के वकील विमलचंद्र उमेशचंद्र झा को जमानत दे दी, जिन्हें एक प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उन पर मुवक्किल को अवैतनिक कानूनी शुल्क के लिए अपहरण और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था।
कोर्ट ने उसे एक लाख रुपये के जमानती मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति सारंग वी कोटवाल ने प्रथम दृष्टया टिप्पणी की कि प्राथमिकी में वर्णित घटना के बारे में पर्याप्त संदेह है।
उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि ऐसा प्रतीत होता है कि "घटना में जो दिखता है उससे कहीं अधिक है।"
झा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 364ए (फिरौती के लिए रंगदारी), 365 (अवैध रूप से बंदी बनाने के लिए अपहरण), 387 (जबरन वसूली से मौत का डर), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
एफआईआर के मुताबिक, झा ने अपने मुवक्किल गोले का अपहरण कर लिया, जिन्होंने झा की कानूनी सेवाओं का लाभ उठाया था, जब उन्हें एक व्यावसायिक लेनदेन से उपजे कानूनी विवाद के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।
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Bombay High Court grants bail to Mumbai lawyer accused of kidnapping client for unpaid legal fees