बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में आपराधिक और वाणिज्यिक मामलों में याचिका दायर करने के लिए ई-फाइलिंग तंत्र का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है।
इस आशय की अधिसूचना न्यायालय के मूल और अपीलीय दोनों पक्षों द्वारा जारी की गई थी।
15 दिसंबर को, उच्च न्यायालय के न्यायिक रजिस्ट्रार ने ई-फाइलिंग को अनिवार्य कर दिया:
1. वाणिज्यिक प्रभाग के सभी मामले;
2. प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी प्रकार के मामले; और गैर-वाणिज्यिक मध्यस्थता मामले।
यह 2 जनवरी से प्रभावी होगा।
30 दिसंबर को, उच्च न्यायालय के अपील पक्ष के रजिस्ट्रार ने एक नोटिस जारी कर निम्नलिखित मामलों की ई-फाइलिंग को अनिवार्य बना दिया:
1. आपराधिक रिट याचिका
2. अपील की धारा 482 के तहत आवेदन
3. आपराधिक रिट याचिकाएं।
4. अपील करने के लिए आपराधिक अवकाश
5) क्रिमिनल एएलपी
6) आपराधिक पुनरीक्षण
7) सेकंड अपील
8) विविध सिविल आवेदन
9) मध्यस्थता याचिका
10) अवमानना याचिका (सिविल)।
यह नौ जनवरी से प्रभावी होगा।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि नए मामले दर्ज करने में दस्तावेजों के सभी प्रकार के जवाब शामिल होंगे।
[नोटिस पढ़ें]
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Bombay High Court makes e-filing mandatory in commercial and criminal cases