[ब्रेकिंग] बॉम्बे हाईकोर्ट ने सेवा कर लगाने के लिए अधिवक्ता को दिये जाने वाले GST नोटिस पर रोक लगा दी

याचिकाकर्ता का मामला यह था कि केंद्र सरकार ने कई अधिसूचनाएं जारी की, जिसमे एक व्यक्ति द्वारा वकील के रूप मे या अधिवक्ताओ की साझेदारी फर्म के रूप में प्रदान की गई कानूनी सेवाओं को सेवा कर से छूट दी गई।
Justices Ujjal Bhuyan and Milind N Jadhav
Justices Ujjal Bhuyan and Milind N Jadhav
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 जनवरी को सहायक आयुक्त केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) द्वारा जारी एक नोटिस पर रोक लगा दी जिसमे वकील पर सेवा कर लगाने की मांग की गयी थी

यह आदेश न्यायमूर्ति उजान भुयान और मिलिंद एन जाधव की खंडपीठ ने वकील संजीव मधुसूदन शाह द्वारा दायर याचिका में पारित किया था

कोर्ट ने आदेश दिया, याचिकाकर्ता के वकील को सुने जाने के बाद और उचित विचार के बाद, हम एक अंतरिम उपाय के रूप में निर्देश देते हैं, अगले आदेश तक 28.12.2020 के डिमाण्ड नोटिस और कारण बताओ नोटिस पर रोक रहेगी।”

यह याचिकाकर्ता का मामला था कि केंद्र सरकार ने कई छूट अधिसूचनाएं जारी की थीं, जिसमें एक व्यक्ति द्वारा एक वकील के रूप में या कानूनी सेवाओं के माध्यम से अधिवक्ताओं की साझेदारी फर्म द्वारा प्रदान की गई सेवाओं को सेवा कर के प्रभार से मुक्त किया गया था। इसके अलावा, यह भी प्रस्तुत किया गया था कि सेवा प्राप्तकर्ता से सेवा कर वसूलने का प्रावधान है।

कोर्ट ने सीजीएसटी के सहायक आयुक्त को नोटिस जारी किया और डिमांड नोटिस पर भी रोक लगा दी।

सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2018 में, दिल्ली और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालयों में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी, जिन्होंने वकीलों के लिए सेवा कर की प्रयोज्यता को चुनौती दी थी। उन उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

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[BREAKING] Bombay High Court stays GST notice served on advocate for levy of service tax

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