बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड को निर्देश दिया कि अगर वह संभावित कार्रवाई से सुरक्षा चाहती है तो ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) द्वारा उस पर लगाए गए जुर्माने को जमा करे।
BARC ने पहले टीवी टुडे नेटवर्क के खिलाफ अपने आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक आदेश पारित किया था और नेटवर्क पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और मिलिंद जाधव की खंडपीठ ने कहा,
"यह इस अधिकार की रजिस्ट्री में BARC की अनुशासन परिषद द्वारा निर्देशित 5 लाख रुपये की राशि जमा करने के अपने अधिकारों और सामग्री के पक्षपात के बिना टीवी टुडे नेटवर्क के लिए खुला रहेगा। यदि यह राशि जमा की जाती है तो इस बीच टीवी टुडे के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।"
टीवी टुडे, जो इंडिया टुडे और आजतक चैनल चलाता है, उच्च न्यायालय से संपर्क करने और किसी भी दर्शक के कदाचार में लिप्त होने से बचने के लिए नेटवर्क को चेतावनी देते हुए BARC के आदेश और एक चेतावनी पत्र को रद्द करने के निर्देश की मांग की थी।
BARC आदेश टीवी टुडे को कारण बताओ नोटिस से उत्पन्न हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि बिना किसी वितरण सुधार के इसके चैनलों की पहुंच में महत्वपूर्ण असामान्य उछाल था।
याचिका ने इस आधार पर आदेश को चुनौती दी कि BARC टीवी टुडे के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए सबूत दिखाने में विफल रहा और उसने अनुचित आदेश पारित किया।
यह भी बताया गया कि BARC ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार दर्शकों की कदाचार का पता लगाने के लिए की जा रही एक स्वतंत्र ऑडिट प्रक्रिया की कोई रिपोर्ट अपलोड नहीं की है।
न्यायालय ने इसलिए वर्तमान मामले को 5 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
वरिष्ठ वकील डॉ॰ वीरेंद्र तुलजापुरकर और एडवोकेट डॉ॰ अभिनव चंद्रचूड़ टीवी टुडे नेटवर्क के लिए उपस्थित हुए।
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