![[ब्रेकिंग] दिल्ली कोर्ट ने टूलकिट एफआईआर में दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा](https://gumlet.assettype.com/barandbench-hindi%2F2021-02%2Fbc85c56a-5c69-4021-87da-ef49f43c162d%2Fbarandbench_2021_02_495c82c5_2eaa_4c31_a2fc_3e4e7de61e91_disha_ravi.jpg?auto=format%2Ccompress&fit=max)
दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को किसान आंदोलन टूलकिट एफआईआर के संबंध में क्लाइमेट कार्यकर्ता दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
यह आदेश अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन द्वारा पारित किया गया था, जिनके समक्ष रवि को उसकी पांच दिन की पुलिस हिरासत की समाप्ति के बाद पेश किया गया था।
अतिरिक्त लोक अभियोजक इरफान अहमद ने पूछताछ के दौरान अदालत को बताया कि, रवि ने कपटपूर्ण से शांतनु मुलुक और निकिता जैकब को दोषी ठहराया।
अहमद ने कहा कि शांतनु को 22 फरवरी को जांच में शामिल होने के लिए पहले ही एक नोटिस भेजा जा चुका है ।
वकील सिद्दार्थ अग्रवाल ने रवि की रिहाई की मांग इस आधार पर कि थी कि कानून के अनुसार केस डायरी को बनाए नहीं रखा जा रहा था और छेड़छाड़ की आशंका बढ़ गई थी ।
यह तर्क दिया गया था कि केस डायरी पृष्ठबद्ध और वॉल्यूम में नहीं थी।
मुझे इस बात पर आपत्ति है कि किस मामले में डायरी उपलब्ध कराई जा रही है। मैं अनुरोध करूंगा कि यह कानून के अनुसार एक केस डायरी नहीं है और मुझे केवल उसी आधार पर रिहा किया जाना चाहिए।
अभियोजक इरफान अहमद द्वारा अदालत को यह भी बताया गया कि रवि की जमानत याचिका भी सत्र न्यायालय के समक्ष कल सुनवाई के लिए आ रही है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष उपस्थित हुए।
शनिवार रात को रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था कि उसने एक Google दस्तावेज़ में संपादन किया था जो कि चल रहे किसानों के विरोध से संबंधित टूलकिट के रूप में साझा किया गया था
दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि टूलकिट खुद एक खालिस्तानी समूह, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाई गई थी और दिशा रवि द्वारा संपादित की गई थी। रवि ने ही थनबर्ग के साथ यह साझा किया था।
यह दावा किया गया कि यह भारत को बदनाम करने की व्यापक साजिश का हिस्सा था।
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[Breaking] Delhi Court sends Disha Ravi to three days judicial custody in toolkit FIR