दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के युवा विंग के नेता और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र मीरान हैदर की जमानत याचिका को 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित एक गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में खारिज कर दिया [राज्य बनाम मीरान हैदर]।
हैदर के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट एक्टिविस्ट खालिद सैफी, कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा, सफूरा जरगर, नताशा नरवाल और देवांगना कलिता के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
उन पर मार्च का आह्वान करके, भीड़ का नेतृत्व करके और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काकर एक "साझा साजिश" रचने का आरोप लगाया गया था।
जहां जहान को इस मामले में जमानत मिल गई थी, वहीं कोर्ट ने हाल ही में खालिद और फातिमा की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि बड़ी संख्या में छात्रों, पूर्व छात्रों और एक विशेष समुदाय के अन्य सदस्यों ने सीएए विरोधी रैली में भाग लिया।
जामिया परिसर के बाहर तैनात बैरिकेड्स/पुलिस पार्टी पर पुलिस कर्मियों पर हमला, पुलिस और सार्वजनिक/निजी संपत्ति को नुकसान, पथराव और आगजनी हुई।
अदालत ने 24 नवंबर, 2020 को हैदर और अन्य के खिलाफ यूएपीए के तहत दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री है।
हैदर को 1 अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह सलाखों के पीछे है।
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[BREAKING] Delhi Riots: Delhi Court refuses bail to Jamia student Meeran Haider in UAPA case