सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के पास एनजीटी अधिनियम 2010 के तहत पत्र याचिकाओं और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर मामलों का स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है। (म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई बनाम अंकिता सिन्हा)।
अपीलों के बैच में जस्टिस एएम खानविलकर, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया।
कोर्ट ने इस मामले में 8 सितंबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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[BREAKING] National Green Tribunal has power to register suo motu cases: Supreme Court