12 जनवरी को गिरफ्तारी के संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा दलित श्रमिक कार्यकर्ता नोदीप कौर को आज जमानत दे दी गई।
इससे पहले, कौर को कथित तौर पर जबरन वसूली के खिलाफ दर्ज दो मामलों में जमानत दी गई थी। हालाँकि, भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश), धारा 146 (दंगा), और धारा 353 (एक सार्वजनिक सेवक को अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के लिए हमला) के तहत उन्हे दोषी मानते हुए तीसरे मामले में जेल में रखा गया।
उच्च न्यायालय द्वारा आज इस तीसरे मामले में जमानत देने के साथ, कौर को अब जेल से रिहा किया जा सकता है।
यह आदेश आज सुबह जस्टिस अवनीश जिंगन ने सुनाया, जिन्होंने सप्ताह की शुरुआत मे कौर की सभी मेडिकल रिपोर्ट्स प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे। आज की सुनवाई में, उन्होंने जांच करने की मांग की कि क्या कौर को हिरासत में प्रताड़ित करने के आरोप सही थे।
एक प्रथम दृष्टया अवलोकन पर जमानत दी गई थी कि कौर के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों को प्रमाणित करने के लिए कुछ भी नहीं था।
12 जनवरी को, वह बीस अन्य लोगों के साथ कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में विरोध कर रही थी। इसके बाद पुलिस के साथ झड़पें हुईं।
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[Breaking] Nodeep Kaur granted bail by Punjab and Haryana High Court