सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 12 सितंबर, 2021 को आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक परीक्षा (नीट यूजी) को रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। (सलोनी बनाम राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी)।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने याचिका को तुच्छ माना और याचिका दायर करने के लिए वकील से भी सवाल किया।
कोर्ट ने कहा, "किस प्रकार की रिट दायर की जाती हैं? लाखों लोगों ने ये परीक्षा दी है। आप जानते हैं कि कोर्ट ऐसी परीक्षा में दखल नहीं देने वाली है जिसमें साढ़े सात लाख छात्रों ने पांच एफआईआर के आधार पर परीक्षा दी हो, परीक्षा कैसे रद्द हो सकती है।"
अदालत नीट उम्मीदवार सलोनी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें धोखाधड़ी, कदाचार और प्रश्नपत्र लीक के कथित मामलों का हवाला देते हुए परीक्षा रद्द करने और नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग की गई थी।
जब मामले को सुनवाई के लिए लिया गया, तो पीठ ने सीधे याचिका पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त की।
इसने यह भी कहा कि वह मुवक्किल को याचिका दायर करने की सलाह देने के लिए वकील पर जुर्माना लगाएगा।
कोर्ट ने टिप्पणी की, "याचिकाकर्ता को भुगतान क्यों करना चाहिए? ऐसी याचिका दायर करने का सुझाव वकील ही देता है जो अनुच्छेद 32 के तहत दिया गया है। जब लोग आपके पास (वकील) आते हैं, तो क्या आप यह नहीं कहते कि इन्हें जुर्माने के साथ खारिज किया जाएगा? आप तर्क दें, हम इस पर विस्तार से विचार करेंगे और हम आपसे (वकील) विशेष रूप से निपटेंगे।"
इसके बाद शुरू में 5 लाख रुपये जुर्माना लगाने का आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि इसे वकील से वसूल किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा, 'हम कहेंगे कि राशि याचिकाकर्ता से नहीं बल्कि वकील से उसे (याचिकाकर्ता को) यह सलाह देने के लिए वसूल की जाए।'
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने हालांकि प्रार्थना की कि जुर्माना नहीं लगाया जाना चाहिए।
अदालत ने अंततः मान लिया और याचिका को खारिज करते हुए एक आदेश पारित किया लेकिन जुर्माना लगाने से परहेज किया।
कोर्ट ने वकील को आगाह करते हुए कहा, "जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, लेकिन हम आपको याद रखेंगे। अगली बार जब ऐसा कोई मामला आएगा, तो हम निश्चित रूप से आप पर जुर्माना लगाएंगे।"
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[BREAKING] Plea to cancel NEET UG 2021 and hold fresh exam dismissed by Supreme Court