[बुलेट ट्रेन परियोजना] महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा: गोदरेज और बोयस भूमि को छोड़कर अधिग्रहण पूरा

जस्टिस आरडी धानुका और एसजी डिगे की पीठ गोदरेज एंड बॉयस द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन किए बिना भूमि के अधिग्रहण को चुनौती दी गई थी।
Bullet Train and Bombay High Court
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महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि गोदरेज एंड बॉयस कंपनी के स्वामित्व वाली जमीन को छोड़कर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पूरा हो गया है।

महाराष्ट्र के महाधिवक्ता (एजी) आशुतोष कुंभकोनी ने कंपनी से संबंधित भूमि अधिग्रहण के बदले में राज्य सरकार के 264 करोड़ रुपये देने के आदेश को चुनौती देने वाली कंपनी द्वारा दायर याचिका पर बयान दिया था।

एजी ने कहा, "परियोजना के लिए जरूरी जमीन बॉम्बे से अहमदाबाद तक है। इस पैच (गोदरेज के स्वामित्व वाले) को छोड़कर जमीन का पूरा अधिग्रहण पूरा हो चुका है।"

जस्टिस आरडी धानुका और जस्टिस एसजी डिगे की पीठ ने पक्षों की दलीलों को ध्यान में रखते हुए मामले की सुनवाई 5 दिसंबर से शुरू करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा कि जुड़े मुद्दों के साथ इस सवाल को सुनने और तय करने में कुछ समय लगेगा।

तब राज्य के वकील ने अदालत से जल्द से जल्द सुनवाई शुरू करने के लिए कहा, क्योंकि उसने अधिग्रहण के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली थीं और अब जो कुछ बचा है वह जमीन पर कब्जा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि गोदरेज की भूमि भूमि का एकमात्र हिस्सा था जो राज्य के कब्जे में नहीं था, अन्य सभी भूमि पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी थी।

कोर्ट ने सभी वकीलों से सहमति लेने के बाद 5 दिसंबर से मामले की सुनवाई शुरू करने का फैसला किया।

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[Bullet Train project] Acquisition complete except for Godrej & Boyce land: Maharashtra to Bombay High Court

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