केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि इसने कोई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी नहीं की है जिसके लिए विकलांग व्यक्तियों को किसी भी उद्देश्य के लिए COVID-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र ले जाने की आवश्यकता होती है।
एनजीओ इवारा फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका के जवाब में केंद्र द्वारा दायर एक जवाब में भी यही कहा गया था, जिसमें विकलांग व्यक्तियों के लिए डोर-टू-डोर, प्राथमिकता वाले COVID-19 टीकाकरण की मांग की गई थी।
याचिका पर प्रकाश डाला गया कि स्वच्छता उपायों का पालन करने, सामाजिक दूरी के मानदंडों को लागू करने, अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों आदि के कारण होने वाली कठिनाइयों के कारण विकलांग व्यक्तियों को कोविड -19 के अनुबंध का अधिक जोखिम होता है।
और अधिक पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें